Urdu Shayari on Sharab | Great Poets Sher O Shayari
शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर,
या वो जगह बता जहां खुदा नहीं। .. (ग़ालिब)
मस्जिद खुद का घर है, पीने की जगह नहीं,
काफ़िर के घर में जा वहाँ खुद नहीं (इकबाल)
काफ़िर के दिल से आया हूँ में ये देख कर,
खुद मौजूद है वहाँ, उससे पता नहीं (फ़राज़)