Sweet Hindi Poem on Daughters | Beti Par Hindi Kavita
घर की चहल - पहल है बेटी,
जीवन में खिला कमल है बेटी !
कभी धुप गुनगुनी सुहानी,
कभी चंदा शीतल है बेटी!!
शिक्षा, गुण, संस्कार रोप दो,
फिर बेटो सी सबल है बेटी!!
सहारा दो गर विश्वास का,
तो पावन गंगाजल है बेटी!!
प्रकृति के सद्गुण सींचो,
तो प्रकृति सी निश्छल है बेटी!!
क्यों डरते हो पैदा करने से,
अरे आने वाला कल है बेटी!!